योग अभ्यास से पहले विटामिन बी १२ ( Vitamin B 12 ) की शारीरिक जाँच ।
योग अभ्यास से पहले विटामिन बी १२(vitamin B 12) की शारीरिक जाँच। आज की भाग दौड़ और व्यस्तता से भरे हुए समय में हम अपने भोजन और भोजन से मिलने वाले पोषण पर ध्यान नही दे पाते है ,जिस कारण हमारे शरीर के लिए जो आवश्यक पोषक तत्व होते है वो शरीर को सही मात्रा में नहीं मिल पाते है।
इस कारण से हमारे शरीर में पोषण तत्वो की कमी हो जाती है जिस कारण से कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जो हमारे स्वास्थ्य और जीवन के दैनिक कार्यो को बहुत प्रभावित करती है।
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इसलिए हमको इनके लक्षण और उपचार के विषय में सही जानकारी होना अति आवश्यक है। अगर हमारे शरीर में विटामिन बी १२ की कमी है तो इस अवस्था में योगाभ्यास शुरू नहीं करना चाहिए।

विटामिन। Vitamins
हमारे भोजन का सवसे महत्त्व पूर्ण भाग विटामिन होते है जो हमारे शरीर के सभी कार्यो में सबसे महत्तव पूर्ण योगदान करते है, ये हमारे शारीरिक और मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करते है , इनकी कमी होना हमारे लिए बहुत घातक सिद्ध होता है। इसलिए समय समय पर हमको इनकी जाँच कराते रहना चाहिए। आवश्यक विटामिनो में विटामिन बी १२(vitamins B 12) भी इसीप्रकार का महत्तव पूर्ण विटामिन है।योग अभ्यास से पहले Vitamin D की शारीरिक जाँच ।
विटामिन बी १२ (vitamin B 12)
विटामिन बी १२ विटामिन बी की श्रेणी का ही विटामिन है मगर ये काफी महत्तव पूर्ण विटामिन है। इसकी कमी अधिकतर ३० वर्ष से अधिकआयु के व्यक्ति में पाया जाता है ,मगर आज कल आधुनिक खान पान और भोजन की गुणबत्ता में कमी के कारण इसकी कमी किशोर और बच्चो में भी पाया जा रहा है। क्यूंकि ये हमको भोजन से ही प्राप्त होता है शरीर इसका निर्माण खुद नहीं करता है इसलिए हमको विटामिन बी १२ (Vitamin B 12) से युक्त भोजन को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
अधिकतर विटामिन बी १२(Vitamin B 12) की कमी शाकाहारी भोजन लेने वाले व्यक्ति में मिलती है। शाकाहारी भोजन में विटामिन बी १२(Vitamin B 12) काफी कम मात्रा में होता है ,जिसके कारण शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी १२(Vitamin B 12) नहीं मिल पता है और धीरे धीरे बढ़ती उम्र के साथ शरीर में इसकी कमी हो जाती है और कई तरह के शारीरिक और व्यवाहिरक बदलाव हमारे भीतर आने लगते है। विटामिन बी १२ (Vitamin B 12)की कमी के कारण और उसके लक्षण इस प्रकार है ।पार्किंसन रोग में योग।
विटामिन बी १२(Vitamin B 12) की कमी होने के मुख्य कारण।
- लगातार लम्बे समय तक असंतुलित भोजन आहार में होना।
- लगातार पेट सम्बन्धी रोग का बने रहना।
- आँत के उस हिस्से का सही से काम नहीं करना जो वीटामिन बी १२ को अवशोषित करता है।
- लगातार कब्ज की शिकायत बने रहना।
- भोजन में सिर्फ शाकाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन करना।
- दूध ,दही, आदि का आहार में न होना या कम होना।
- हार्मोन्स से सम्बंधित कोई समस्या का होना।
शरीर में विटामिन बी १२(Vitamin B 12) के कार्य
- इसका सबसे मुख्य कार्य हमारे डी.एन.ए के स्वास्थ को बनाये रखना है ,जिससे हम अपने शरीर के सारे कार्य सही से कर सके।
- विटामिन बी १२(Vitamin B 12) हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में सहायक होता है।
- विटामिन बी १२(Vitamin B 12) हमारे केन्द्रीय नर्वस सिस्टम के सुचारू रूप से संचालन के लिए बहुत आवश्यक है।
- मस्तिष्क द्वारा संचालित कार्यो का सही से संचालन करने के लिए बहुत महत्व पूर्ण सहयोग प्रदान करता है ।
- ये हमारे शरीर की अस्थियो और दाँत की मजबूती के लिए भी सहायक होता है।
- इसकी अनुपस्थिति में विटामिन डी भी अपने कार्यो को सही से सम्पादित नहीं कर पाता है।
विटामिन बी १२ (Vitamin B 12)की कमी से होने वाले शारीरिक प्रभाव।
- हाथ पैरों में झनझनाहट या चीटियो के चलने की अनुभूति होना है।
- हाथ और पैर में जलन महसूस होना।
- होठ के किनारो पर कट लग जाना , मुँह में छाले होना।
- सर में दर्द और भारीपन बने रहना,चककर आना।
- चलते हुए संतुलन बिगड़ता हुया महसूस होना।
- मांसपेसियों में दर्द और कमज़ोरी महसूस होना।
- मांसपेसियों के जोड़ पर अकड़न का महसूस होना।
- लगातार थकान का बने रहना।
- हर समय नींद और आलस्य का बने रहना
- बालो का असमय झड़ना और सफ़ेद होना
यह सभी विटामिन बी १२ (Vitamin B 12)की कमी से होने वाले शारीरिक प्रभाव और प्रमुख लक्षण है , अगर इनमे से कोई भी लक्षण हमको दिखाई दे ठीक उसी समय हमको इसकी कमी के प्रति सजग हो जाना चाहिए और डाक्टर से मिल कर उचित उपचार लेना चाहिए।प्रोबायोटिक्स क्या होते है ?
विटामिन बी १२(Vitamin B 12) की कमी से होने वाले मानसिक और व्यावहारिक प्रभाव ।
- जिस व्यक्ति के अंदर विटामिन बी १२ (Vitamin B 12)की कमी होती है वह चिड़चिड़ा हो जाता है।
- विटामिन बी १२(Vitamin B 12) की कमी के कारण अवसाद की भावना उत्पन्न होती है।
- विटामिन बी १२(Vitamin B 12) के कारण निराशा और आलस मन में बना रहता है।
- व्यक्ति के अंदर उत्साह की कमी हो जाती है।
- हमेशा दुखी और ऊर्जा विहीन महसूस होता है।
- जीवन अर्थ हीन और अस्तित्व हीन महसूस होता है।
- आत्मविस्वास कमजोर हो जाता है।
यह कुछ मानसिक और व्यवहारिक लक्षण हे जो शरीर में विटामिन बी १२(Vitamin B 12) की कमी होने को बताते है ,अगर उपयुक्त में से कोई भी शारीरिक या व्यवहारिक लक्षण हमको महसूस हो ठीक तभी हमको डॉक्टर से साहयता लेना चाहिए। इस प्रकार के लक्षणो की अनदेखी करना अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालना होगा। समय पर इन चीजों की जांच करना और सही इलाज लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।प्रोबायोटिक्स और मानसिक स्वास्थ्य।
निष्कर्ष
योगअभ्यास से पहले विटामिन बी १२(Vitamin B 12) की जांच करवाना अति आवश्यक है क्यूंकि ये एक महत्त्वपूर्ण विटामिन है जो हमारे स्वास्थ्य और दैनिक जीवन के कार्यो को बहुत अधिक प्रभावित करता है। इसकी कमी होने पर हमारा सम्पूर्ण स्वास्थ्य और जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है और ऐसी अवस्था में बिना इसका इलाज़ कराए योग अभ्यास शुरु करना उचित नहीं होगा। अगर हमारे शरीर में विटामिन बी १२ (Vitamin B 12)की कमी है तो हमको डॉक्टर से सलाह ले कर ही योग अभ्यास शुरू करना चाहिए। उचित उपचार के उपरान्त ही योग का अभ्यास हमको स्वस्थ्य रखने में सहायक होगा।