योगअभ्यास कैसे शुरु करें ? How to start Yoga practice ?

योगअभ्यास कैसे शुरु करें: आज की भाग दौड़ भरी दिन चर्या के कारण मानव जीवन बहुत जटिल होता जा रहा है। जिसके कारण मानव का स्वास्थ्य (HEALTH) बहुत अधिक प्रभाबित होता जा रहा है। मानव जीवन में रोग और समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। भाग दौड़ और तनाब (STRESS) भरी दिन चर्या के कारण कई प्रकार के शारीरक,मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक समस्या (PROBLUM)लगातार बढ़ती जा रही है।

मानव जीवन में बढ़ती हुयी इन समस्याओं के रोकथाम और समाधान के लिए योग अभ्यास प्रभाबी और महत्त्व पूर्ण योगदान दे रहा है। जैसे ही किसी को लगता है की उसके जीवन में तनाब और शारीरिक समस्या उत्पन्न हो गयी है वह योगाभ्यास करने के विषय में सोचता है और बिना सही जानकारी के योग अभ्यास शुरू कर देता है ,जिसके कारण उसको सही परिणाम नहीं मिल पाते और कई बार स्थिति और भी खराब हो जाती है। योग अभ्यास शुरु करने पर प्रारम्भ में होने वाली समस्याओ से बचने और योगाभ्यास के सही परिणामों को प्राप्त करने के लिए हमको कुछ जरुरी चीजों की जानकारी होना चाहिए जो की इस प्रकार है।

योगअभ्यास कैसे करें ? How to do Yoga practice ?

योगअभ्यास को शुरू करने पर होनी वाली समस्या को कम करने और योग अभ्यास के मन चाहे परिणामों को प्राप्त करने लिए हमको इन चीजों पर ध्यान देना चाहिए।

योगअभ्यास शुरू करने से पूर्व की तैयारी । Preparation before to start Yoga practice.

  • योग अभ्यास शुरू करने से पहले अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति का सही सही मूल्यांकन करना बहुत आवश्यक है। अति उत्साह और जोश में आ कर योग अभ्यास शुरू करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत घातक हो सकता है इसलिए अभ्यास शुरु करने से पहले अपनी वर्त्तमान शारीरिक स्थिति का पता होने से अपने लिए सही योगा अभ्यास का क्रम और प्रक्रति का चुनाव कर सकते है।
  • चिकत्सीए सलाह लेना योग अभ्यास को शुरु करने से पहले एक बहुत अच्छा कदम होता है। अगर हम को कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या है तो चिकत्सीए सलाह हमको सही योग अभ्यास शुरु करते हुए क्या क्या सावधानी रखनी है इसका ध्यान रखते हुए योग अभ्यास करने में साहयता देता है और होने बाले सम्भावित नुक्सान से भी बचाता है।
  • जब भी हम योग अभ्यास का निर्णय करे तव हमको कम से कम तीन से छ: माह के लिए योग अभ्यास का चुनाव करना चाहिए। कम से कम ९० दिन से १८० दिन के लिए योग अभ्यास की योजना बना कर शुरु करना चाहिए कम समय या बीच बीच में छोड़ कर योग अभ्यास करने से किये गए योग अभ्यास का कोई परिणाम प्राप्त नहीं होता है।

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योगअभ्यास कब शुरू करें ? When we should start Yoga practice ?

  • योग अभ्यास शुरू करने से पहले सारी तैयारी होने पर भी एका एक अभ्यास शुरु नहीं करना चाहिए। सवसे पहले हमको अपने भोजन को हल्का और कम करना चाहिए। हमारी जीवनी शक्ति का सवसे अधिक बड़ा भाग हमारे भोजन को पाचन करने में ही खर्च हो जाता है ,इसलिए हमको योगाभ्यास शुरू करने से पहले हल्का और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए। ऐसा करने से हमारा हमारा शरीर हल्का और ऊर्जाबान बन जाता ह जिससे योगअभ्यास करना आसान हो जाता है।
  • योगाभ्यास शुरू करने से पहले हमको अपने विश्राम का भी ध्यान रखना आवश्यक है। विश्राम से हमारे शरीर और मन दोनों को ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती है मासपेशिया शिथिल और ऊर्जाबान बनती है जिससे योग अभ्यास करने में आसानी होती है और अभ्यास के समय चोट की सम्भाबना भी कम होती है।
  • योग अभ्यास को शुरू करने से दो तीन दिन पहले हमको हल्का फुल्का टहलना चाहिए जिससे हमारे आंतरिक अंगो में रक्त का प्रबाह सही व् सुचारु रूप से हो सके , और हमारे अंग योगाभ्यास के कारण होने बाले दबाब को आसानी से सहन करने में सक्षम हो सके।
  • इसके साथ साथ हमको कुछ BREATHING EXERCISE का भी अभ्यास करना चाहिए। जैसे गहरा स्वांस लेना और छोड़ना और कुछ समय के लिए स्वांस को बाहर और भीतर रोकना ,इनके अभ्यास से हमारे फेफड़े मजबूत होते है ,और योग अभ्यास के समय पड़ने बाले दबाब को सहने में सक्षम हो जाते है।
  • योगाभ्यास को शुरू करने के साथ हमको किसी मंत्र का जप भी करना चाहिए ये हमारे मन होने बाले कई तरह के भटकाब को रोकने और कम करने में बहुत सहायक होता है जिससे अभ्यास के समय होने मानसिक और भावनात्मक हस्तक्क्षेप से बचा जा सके।
  • योगाभ्यास सरल से जटिल अभ्यास के अनुसार करना चाहिए। पहले सूक्ष्म फिर मध्यम और फिर जटिल अभ्यास करना चाहिए इससे हमरा योग अभ्यास सही से और बिना चोट के हो सकेगा। हमरा स्वास्थ्य सुधार भी तेज़ी से हो पायेगा।
  • योग अभ्यास करते समय अपनी ह्रदय गति और स्वसन की गति का भी पूरा ध्यान रखें। असहज या अनियमित महसूस होने पर अभ्यास से तुरंत कुछ समय के लिए विराम लें ,जब ह्रदय गति सामान्य हो जाये तव पुनः योग अभ्यास शुरू करें।

योग अभ्यास कैसे पूर्ण करें ? How to complete a yoga class ?

योग अभ्यास की प्रत्येक कक्षा को योग निंद्रा या शव आसान के साथ समाप्त करना चाहिए। शरीर और मन दोनों को शिथिल छोड़ कर कुछ देर शांत रह कर अभ्यास के प्रभाब को महसूस करना चाहिए। जब पूर्ण रूप से आरादायक अनुभव हो तव ही अभ्यास से उठना चाहिए।

योग अभ्यास हमेशा किसी योग्य शिक्षक की देख रेख में ही करना चाहिए। एक योग शिक्षक हमारी आवश्यकता और स्वास्थय की स्थिति के अनुसार ही योग अभ्यास की योजना बनाता है जिससे हमको लाभ जल्दी और मन चाहा प्राप्त होता है. और साथ ही हमको अभ्यास के दौरान होने बाली समस्याओ से भी सुरक्षित रखने में सहयता करता है।इसीलिए हमको एक योग्य और अनुभवी योग शिक्षक की निगरानी में ही योग अभ्यास शुरू करना चाहिए।