कैंसर के लक्षण

कैंसर के विषय में हम को काफी कुछ जानने की जरूरत है। यह तो हम जानते है की कैंसर के रोग में शरीर में कोशिका असामान्य तरिके से विकास कर ने लगती है। जिससे हमारे शरीर के भीतर के जरुरी और सामान्य कार्य सही से नहीं हो पाते है। और धीरे धीरे यह एक जान लेवा स्थिति वन जाती है।

कैंसर के रोग के तीन चार चरण होते है। यह रोग खतरनाक होता है, मगर अगर सही समय पर हमको इस की जानकारी हो जाये और हमको इस रोग का पता प्रथम चरण में ही चल जाये तो हम इस रोग से आसानी से बच सकते है।

कैंसर के खतरे को कम करने के लिए और कैंसर को उसकी शुरू के चरणों में पकड़ने के लिए उसके विषय में सही जानकारी बहुत जरुरी है।

कैंसर के साथ सबसे बड़ी दिक्क्त यह है की यह शरीर में धीरे धीरे चुप चुप बढ़ता रहता है ,और तब तक पकड़ में नहीं आता है जव तक यह विकराल रूप न ले चूका हो और ला इलाज़ न हो चूका हो। आज कैंसर के विषय में काफी अधिक जानकारी प्राप्त है। मगर हम उस के प्रति कभी सजग नहीं रहते इसलिए हमको इससे बचने का मौका ही नहीं मिल पाता है। तो आईये जानते है कुछ सामान्य लक्षणों के विषय में।

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  1. सवसे पहले उन लोगो को सवसे जीयदा सजग रहने की जरूरत है जिनके परिवार में किसी को कैंसर रहा हो।
  2. अगर हमारा वजन तेज़ी से कम हो रहा हो।
  3. अचानक से थकान तरहने लगी हो।
  4. अचानक से वजन का बढ़ना।
  5. शरीर और मन दोनों में ऊर्जा की कमी होते जाना।
  6. भूख का न लगना।
  7. मुख का स्वाद अचानक से बदलना।
  8. नमक और मीठा कम या तेज़ महसूस होना।
  9. सर दर्द होना और लगातार बने रहना।
  10. खाँसी रहना दो हफ्ते से ज्यादा।
  11. लगातार बुखार बने रहना।
  12. शरीर में किसी जगह कोई गाँठ का हो जाना।
  13. नींद की कमी होना।
  14. सीने में दर्द या सूजन का होना।
  15. खून की कमी होना।
  16. खून की उलटी होना।
  17. मल मूत्र में रक्त का आना।
  18. गुप्त अंगो में सूजन या दर्द होना।
  19. शरीर से दुरगंध युक्त द्रव्य का निकलना।
  20. हड्डियों में दर्द का बने रहना।
  21. हड्डियों में सूजन टेढ़ा पण आ जाना।
  22. त्वचा का रंग बदलना।
  23. अधिक ठण्ड या गर्मी का लगने लगना।
  24. गले में दर्द बने रहना।
  25. खाँसी लगातार बने रहना।
  26. खाँसी में खून आना।
  27. अचानक से बेहोस हो जाना।
  28. शरीर में कप कपाहट होना।
  29. त्वचा पर दाने होना।
  30. अचानक से मूड बदलना

वैसे इन लक्षणों के अलावा भी कैंसर को उसके शुरू में ही पकड़ने का साधारण नियम भी है। वह नियम है की अगर हमारे भीतर किसी भी प्रकार का कोई भी बदलाव हो वो भी बिना किसी कोशिश और ,वह लगातार तीन हफ्ते से ज्यादा बनी रहे तो वह कैंसर के खतरे की घंटी हो सकती है। जैसे की सुखी खांसी होना और वह लगातार बने रहना या बुखार का बने रहना। या लगातार त्वचा का रंग पीला होते जाना। इसलिए हमको हमेसा सजग और जाग्रत रहना चाहिए अपने प्रति सजग रह कर ही हमको कैंसर को हरा सकते है।

उपयुक्त कुछ लक्षण है जो सामान्य दीखते है और इसलिए इनकी ओर हम कभी भी गम्भीर हो कर ध्यान नहीं देते है। मगर ये लक्षण कैंसर जैसे घातक रोग के शुरू होने के संकेत भी हो सकते है। इसलिए अगर हमारे सामान्य जीवन में ऐसे कोई भी लक्षण लगातार दो हफ्ते से ज्यादा बने रहते है या बार दिखाई देते है। तो हमको इनको सामान्य रोग नहीं मान लेना चाहिए बल्कि किसी योग्य डॉक्टर से मिलकर पूरी जाँच करा लेना चाहिए। जिससे की हम कैंसर जैसे घातक रोग को उसकी शुरूवात में पकड़ कर उसका सही इलाज करा कर उससे पूर्ण रूप मुक्त हो सके.