कैंसर की शुरुआत।

कैंसर की शुरुआत के कारण में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं है। लेकिन कैंसर की शुरुआत कई तरीकों से हो सकती है। ये किसी व्यक्ति के शारीरिक और उससे आनुवांशिकी इतिहास पर निर्भर करती है।अगर किसी के परिवार में पहले माता पिता या परिवार के किसी अन्य सदस्यों को यह बिमारी है तो उसको इस बिमारी के होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। कैंसर कई प्रकार के होते हैं वे विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकते हैं उनमें से कुछ निम्नलिखित कारण इस प्रकार है जो नीचे बताए गए।

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  • कैंसर की शुरुआत बहुत अधिक मात्रा में सिगरेट तंबाकू शराब आदि पदार्थो का उपयोग करना भी कैंसर के उत्पन्न होने का कारण हो सकता है।
  • कैंसर की शुरुआत अनियमित दिनचर्या , अनियमित भोजन की आदतें भी कैंसर रोग को बढ़ावा देने में मददगार होती है।
  • कैंसर की शुरुआत अत्यधिक तले भुने, मसालेदार, पैकेट और कृत्रिम खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी कैंसर की शुरुआत हो सकती है।
  • कैंसर की शुरुआत बहुत अधिक देर तक सूर्य की किरणों के संपर्क में रहने से सकती है।
  • कैंसर की शुरुआत अनियमित और अस्वस्थ जीवनशैली से भी हो सकती है।
  • कैंसर की शुरुआत प्रदुषित वातावरण प्रदुषित जल मिलावटी भोजन , फलों में प्रयोग होने वाले कीटनाशकआदि से भी हो सकती है
  • कैंसर की शुरुआत प्रदुषित जल के कारण भी हो सकती है।
  • कैंसर की शुरुआत हर तरफ फैल रहे प्रदूषण के कारण भीहोसकती है जिसका प्रभाव हमारे शरीर के भीतर कैंसर कोशिका का जन्म हो जाता है।
  • इसके अतिरिक्त रेडिएशन भी कैंसर रोग के बढ़ने का एक मुख्य कारण है।
  • कैंसर की शुरुआत कुछ बैक्टीरिया और वायरस के कारण भी हो सकती है।

कैंसर की शुरुआत के उपयुक्त कुछ मुख्य कारण हैं। जिनकी वजह से कैंसर कैंसर रोग हो सकता है। हमारी खाने पीने की आदतें और हमारे चारों ओर का वातावरण आदि सभी मिलकर कैंसर जैसी भयानक बीमारी को उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त हमारे आनुवांशिकी कारण भी इस रोग के कारण हो सकते हैं। इसलिए हमको हमेशा सतर्क और सावधान रहना चाहिए।

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कैंसर की शुरुआत कैसे होती है

कैंसर की शुरुआत को हम इस तरह से समझ सकते हैं ,की शरीर में हर समय नए सेल जिनको कोशिका कहते हैं बनती रहती हैं,और कुछ समय बाद समाप्त होकर फिरसे नई कोशिका बन जाती है। ये प्रक्रिया शरीर स्वयं अपने आप करता रहता है। इस प्रक्रिया में नई कोशिका बनती है और अपनी जीवन अवधि पूरी करके समाप्त हो जाती है, और उसकी जगह नई कोशिका बन जाती है। मगर किसी कारणवश कोई कोशिका सही से नहीं बन पाए और शरीर उसको अपनी व्यवस्था से समाप्त ना कर पाए तब वह खराब कोशिका अपने जैसी ही नई कोशिकाओं को अनियमित और अनियंत्रित तरीके से शरीर के किसी भी अंग या भाग में बढ़ाने लगती है। तब इस प्रकार की कोशिका को या सेल को कैंसर सेल या कैंसर की कोशिका कहते हैं।

शरीर में कैंसर की शुरुआत के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं। वैसे तो कैंसर कई प्रकार के होते हैं, हर प्रकार का कैंसर इस शरीर में अंग और स्थान के हिसाब से एक दूसरे से अलग होता है मगर फिर भी कुछ सामान्य कैंसर की लक्षण लगभग एक जैसे होती है जो कि इस प्रकार है।

  • शरीर में किसी जगह छोटी बड़ी असामान्य सी गांठ का होना।
  • लगातार वजन का कम होते जाना।
  • शरीर में लगातार थकान और कमजोरी का आभास होते रहना।
  • व्यवहार में चिड़चिड़ापन ,उदासीनता, उत्साहहीनता का अनुभव होना।
  • नींद का बहुत कम या बहुत ज्यादा हो जाना।
  • शरीर के किसी हिस्से में दर्द लगातार बने रहना।
  • शरीर के किसी हिस्से में सूजन का बने रहना।
  • खांसी एक हफ्ते से ज्यादा रहना यह बार बार होना।
  • बार बार शरीर में कई प्रकार के इन्फेक्शन का होना।
  • त्वचा का रंग गहरा या सामान्य से हल्का हो जाना।
  • त्वचा में खुजली दाने या जलने जैसे निशान हो जाना।
  • आवाज का बदल जाना।
  • भूख कम लगना।
  • भोजन को पचाने में समस्या होना।
  • शरीर से दुर्गंधयुक्त द्रव्य पदार्थों का निकलना।

ऊपर दिए गए लक्षण किसी भी व्यक्ति में कैंसर की शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को अपने शरीर के भीतर कोई गांठ या कोई बदलाव या कोई इन्फेक्शन ,बुखार का होना ,खांसी का होना आदि बार बार हो रहा है ,या ठीक नहीं हो पा रहा है। तब कैंसर के विशेषज्ञ से मिलकर उचित जांच और सलाह लेना चाहिए। जाँच होने के बाद जो भी परिणाम आए उसके अनुसार सही इलाज लेना चाहिए। कैंसर से बचाव संभव है ,अगर हम सजग और जागरूक रहें और इसको प्रारंभिक अवस्था में ही जानकार इसकी पहचान कराकर इसका इलाज कराने में सक्षम हो पाए इसके लिए हमको कैंसर के सामान्य लक्षणों का ज्ञान होना आवश्यक है।