डिप्रेशन का याददाश्त पर प्रभाव।

डिप्रेशन केवल हमारे मूड को ही नहीं बल्कि हमारे मस्तिष्क की सभी कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। डिप्रेशन का सबसे अधिक प्रभाव चीजों और तथ्यों को याद रखने ,ध्यान को एकाग्र करने और सही निर्णय लेने की क्षमता पर पड़ता है। इस स्थिति को “मेंटल फॉग” भी कहा जाता है। डिप्रेशन क्या है ?

डिप्रेशन के कारण याददाश्त पर पड़ने वाले प्रभाव।

1 . ध्यान एकाग्र करने में कठिनाई :-डिप्रेशन के रोगी में बार बार नकारात्मक सोच बहुत तीव्रता के साथ आती और जाती है। व्यक्ति नकारात्मक सोच के बीच स्वयं को बहुत अधिक उलझा हुआ पाता है। इससे उसका ध्यान किसी एक चीज़ पर एकाग्र नहीं हो पाता। जिस कारण से उसको चीजो , तथ्यों और बातों को याद रखने में काफी कठिनाई होती है। साधारण तौर पर कहा जाए तो याददास्त पर गहरा और बुरा प्रभाव पड़ता है।मंत्र योग व्यक्तित्व विकास और सुधार।

२ . काम की बातों को भूल जाना :- इसको हम वर्किंग मेमोरी भी कहते हैं। ” वर्किंग मेमोरी’ वह याददाश्त होती है ,जिसमें हम चीजों और तथ्यों को कुछ समय तक अपने दिमाग में रखते हैं, जैसे नंबर ,नाम ,दिशा आदि। डिप्रेशन के कारण याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है।

३ . दीर्घकालीन याददाश्त पर असर :- जो खास बातें व्यक्ति को पहले अच्छी तरह याद रहती थी, वो अब धीरे धीरे धुंधली होती जाती है। इस अवस्था में कुछ लोगों को ऐसा लगता है ,जैसे उनका मस्तिष्क बहुत धीमी गति से प्रतिक्रिया कर रहा है। व्यक्ति का मस्तिष्क काफी पहले की खास बातों को याद रख पाने में असमर्थ होता जा रहा है।

4 . नकारात्मक घटनाओं की पुनरावृत्ति :- डिप्रेशन की स्थिति में व्यक्ति एक नकारात्मक सोच और समझ से प्रभावित होता है। जिस कारण रोगी बार बार नकारात्मक घटनाओं , बातों को और चीजों को बार बार याद करता है। जिससे वह सकारात्मक घटनाओं स्मृतियों को धीरे धीरे पीछे छोड़ता चला जाता है। उसको सिर्फ नकारात्मक चीजें ही दिखाई देती है। कई स्थितियों में उसको जीवन भी नकारात्मक और अर्थहीन मालूम होता है।

डिप्रेशन ओर याददाश्त के संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान।

वैज्ञानिक अनुसंधान द्वारा पता चला है, कि डिप्रेशन “हिप्पोकैम्पस “जो कि मस्तिष्क का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। उसको बहुत बुरी तरीके से प्रभावित करता है। मस्तिष्क का ये भाग याददाश्त से जुड़ा होता है। व्यक्ति के अंदर यादों को बनाने और संभालने का कार्य हिप्पो कैंपस में ही होता है।पार्किंसन रोग।

लंबे समय तक डिप्रेशन की अवस्था में रहने पर हिप्पोकैम्पस सही तरीके से कार्य नहीं कर पाता। वह सिकुड़ने और सूखने लगता है। जिससे मेमोरी और नई चीजों को सीखने की क्षमता में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

सामान्य लक्षण।

डिप्रेशन के कारण हमारी याददाश्त पर पड़ने वाले प्रभाव की कुछ लक्षण निम्न लिखित है।

१ . सरल और सामान्य बातों को आसानी से भूल जाना।

2 . बाद कहते समय शब्द या नामों को भूल जाना।

3 . काम करते करते काम के विषय में भूल जाना।

4 . छोटी छोटी चीजों को रख कर भूल जाना।

5 . दूसरों द्वारा बताई हुई बात या कही हुए काम को भूल जाना या कुछ और काम को कर देना।

डिप्रेशन के कारण कम हुई याददाश्त का उपचार।

डिप्रेशन के कारण याददाश्त पर पड़े हुए प्रभाव को निम्न प्रकार दूर किया जा सकता है। मानसिक तनाव

1 योग और ध्यान :- योग और ध्यान का अभ्यास मस्तिष्क को और मस्तिष्क के भीतर नकारात्मक विचारों को शांत करता है। जीवन के प्रति सकारात्मक और एकाग्रता को बढ़ाता है।योग तनाव मुक्ति के लिए

2 . मस्तिष्क व्यायाम :- यह उपाय बहुत अधिक प्रभावशाली और मनोरंजक है। इसमें पहेलियाँ ,भूलभुलैया जैसे छोटे और सामान्य मस्तिष्क उपयोगी खेलों को खेल कर ब्रेन एक्सरसाइज की जाती है। जिसका प्रभाव मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को संतुलित करने में सहयोगी होता है।तनाव Stress

3 . अच्छी नींद :- डिप्रेशन के कारण याददाश्त पर हुए प्रभाव को दूर करने के लिए अच्छी नींद का होना बहुत आवश्यक है। रोगी को सात से आठ घंटे की अच्छी ,गहरी, शांत नींद लेनी चाहिए। जिससे मस्तिष्क अपने आप को पुन व्यवस्थित कर सके।

4 . संतुलित आहार:- डिप्रेशन के कारण कमजोर याददाश्त को सुधारने के लिये अच्छा और पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना चाहिए ऐसा। भोजन जिसमें ओमेगा थ्री, विटामिन बी ,और एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में हो लेना चाहिए।डिप्रेशन के लिए डाइट।

5 . लिखने का अभ्यास :-डिप्रेशन की अवस्था में अगर हमें अपनी याददाश्त कमजोर होती हुई अनुभव हो तो हमें अपने कार्यों लिखना चाहिए। समय सारणी बनाकर तय किए हुए दिन या महा के कार्यो को उस डायरी में लिखना चाहिए। इससे धीरे धीरे हमारे मस्तिष्क की याद रखने की कार्यक्षमता बढ़ती है।मंत्र जप योग साधना।

6 . व्यायाम या मनोरंजक:- खेल डिप्रेशन के कारण याददाश्त में आई हुई कमी को दूर करने के लिए शारीरिक व्यायाम और मनोरंजक खेल जैसे बैडमिंटन को वॉलीबॉल या डान्स आदि करना बहुत लाफ दायक होता है। इन गति विधियों से मस्तिष्क में नई कोशिका का निर्माण होता है। और साथ ही अच्छा न्यरोमस्कुलर कोर्डिनेशन विकसित होता है।योग आसन का अभ्यास कैसे करे ?

निष्कर्ष।

डिप्रेशन का प्रभाव केवल हमारी शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ही नहीं पड़ता। बल्कि याददाश्त और मस्तिष्क के सभी महत्वपूर्ण कार्यो के ऊपर पड़ता है। डिप्रेशन के कारण मस्तिष्क पर पड़ने वाला प्रभाव कभी कभी काफी गंभीर होता है। लेकिन सही इजाज़ अच्छी लाइफ स्टाइल और पोषक तत्त्वों युक्त भोजन लेने से डिप्रेशन के कारण होने वाली याददाश्त की समस्या से मुक्त हुआ जा सकता है।